साहित्य सारथी
रविवार, 5 जनवरी 2014
पिता
बरगद बन आंधियों से बचाते हैं पिता
ठेंगा ओले और धूप को दिखाते हैं पिता
भरसक चाहते हैं बच्चों पर न आए आफत कोई
हर मुसीबत से लड़ना सिखाते हैं पिता
-राकेश कुमार श्रीवास्तव
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें