हैप्पी बर्थ डे प्रभाश जोशी (15 जुलाई पर विशेष) |
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हैप्पी बर्थ डे
प्रभाष जोशी!!
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लिखने वाले बहुत ही
पैदा हुए
तुम्हारे जाने के
बाद
‘तुम’ बनने की बहुतों ने
असफल कोशिश की…
‘तुम’ बनने की बहुतों ने
असफल कोशिश की…
...कुछ ने तो मान
लिया
अपने आपको
तुम्हारा ‘फिलर’
पर हो गये धराशायी....
क्योंकि वो नहीं बन सके
तुम्हारे जैसा क्रिकेट का फैन
और क्रिकेट में भारत की जीत पर
अपने आपको
तुम्हारा ‘फिलर’
पर हो गये धराशायी....
क्योंकि वो नहीं बन सके
तुम्हारे जैसा क्रिकेट का फैन
और क्रिकेट में भारत की जीत पर
अपनी खुद की खुशी को
गुदगुदानेवाले लहजे में
नहीं कर सके बयान...
गुदगुदानेवाले लहजे में
नहीं कर सके बयान...
...यहां तक कि
वो नहीं रख सके
जन की सत्ता को कायम...
तुम्हारे जाने से चाटूकारों ने
ली होगी राहत की सांस..
जन की सत्ता को कायम...
तुम्हारे जाने से चाटूकारों ने
ली होगी राहत की सांस..
सच में ! तुम्हारे
एक बार मरने से
कई बार मरी पत्रकारिता
...पर मुझे खुशी है
तुम्हारा खौफ अभी भी कायम है
उनके बीच
जो करते हैं चाटुकारिता
तुम्हारा खौफ अभी भी कायम है
तुम्हारे समय के
गंदी और हत्या की राजनीति
करनेवालों के बीच
मुझे गर्व है
तुम्हारी सशक्त पत्रकारिता का भूत
सिर चढ़कर बोलता था
राजसभा और विधानसभा में..
..तो प्रभाष जोशी!
अपन तुझे तेरे जन्मदिन पर
करता है याद
हर रविवार को
बेसब्री से
तेरे स्तंभ ’कागद कारे’
का इंतेजार करनेवाला मैं
तुझे मिस करता है...
तुझे और तेरी निर्भीक
पत्रकारिता को
कई बार मरी पत्रकारिता
...पर मुझे खुशी है
तुम्हारा खौफ अभी भी कायम है
उनके बीच
जो करते हैं चाटुकारिता
तुम्हारा खौफ अभी भी कायम है
तुम्हारे समय के
गंदी और हत्या की राजनीति
करनेवालों के बीच
मुझे गर्व है
तुम्हारी सशक्त पत्रकारिता का भूत
सिर चढ़कर बोलता था
राजसभा और विधानसभा में..
..तो प्रभाष जोशी!
अपन तुझे तेरे जन्मदिन पर
करता है याद
हर रविवार को
बेसब्री से
तेरे स्तंभ ’कागद कारे’
का इंतेजार करनेवाला मैं
तुझे मिस करता है...
तुझे और तेरी निर्भीक
पत्रकारिता को
अपन सलाम ठोकता है बॉस!
-राकेश कुमार श्रीवास्तव