शुक्रवार, 16 अक्टूबर 2015

ईश्वर से बड़ा दयालू कोई नहीं

ईश्वर ने तो आजतक किसी का बुरा चाहा नहीं और न ही वे कभी किसी का बुरा करते हैं..सब तो अपने कर्म का ही फल भुगतते हैं न! मेरी दादी एक कहावत कहती थी..मिले डोम को डोम..मिले सोम को सोम..एक बार तो हम अपने प्रिय से प्रिय व्यक्ति को भी उसके पाप उजागर होने पर माफ करने को तैयार नहीं होते हैं ..लेकिन देखिये ईश्वर इतना दयालु होता है कि पापी से पापी व्यक्ति भी उसकी शरण में जाता है तो वे सबकुछ भूलकर उसके पाप के ताप को कम करने की कोशिश करते हैं.

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