जब मैं फुरसत में था
प्यार के सवाल पर
वे व्यस्त थीं रोटी के सवाल पर
जब उन्हें प्यार की फिकर हुई
रोटी के सवाल पर अफसोस कि मैं व्यस्त था
साप्ताहिक छुट्टी भी मिली
तो अलग-अलग
एक खुशनुमा दिन जिंदगी का
जब सबकी छुट्टी एक साथ हुई
सोचने में चला गया दिन
न वो मिली न हम मिले
ख्वाब परवान चढ़े
और सच्चाई के धरातल पर
आकर दम तोड़ दिये
शाम को ऩींद खुली, तो मां को भी शुकून में देखा
कि सोया ही सही
बेटा मेरा साथ है तो सही-
पास है तो सही
मैं सोचता रहा कि आज खायेंगे बिरयानी
एक साथ परी-केबिन में
जब नींद खुली तो मोबाइल पर
आया हुआ था एक मैसेज
.......आज रहने देते हैं
फिर कभी ..लूज मोशन है.....
और उनकी कोई बात आसानी से
नहीं माननेवाला मैं पता नहीं क्यों
बड़ी आसानी से मान गया था उनकी यह बात
मुझे पता था कि वह झूठ बोल रही हैं
न उन्होंने मुझे दुख पहुंचाने की कोशिश की
न मेरी औकात पर उठाया सवाल
उन्हें पता था मेरा हाल है बेहाल
पर ऐसा नहीं था कि उनके हाल से मैं नावाकिफ था
मुझे पता था उनकी भी औकात
अपनी परेशानी के साथ ही
उन्होंने भी परेशानी समझी मेरी
अभाव के जंगल में किसी को
प्यार का हक नहीं होता
और अभाव के जंगल में
प्यार नहीं होता.
प्यार के सवाल पर
वे व्यस्त थीं रोटी के सवाल पर
जब उन्हें प्यार की फिकर हुई
रोटी के सवाल पर अफसोस कि मैं व्यस्त था
साप्ताहिक छुट्टी भी मिली
तो अलग-अलग
एक खुशनुमा दिन जिंदगी का
जब सबकी छुट्टी एक साथ हुई
सोचने में चला गया दिन
न वो मिली न हम मिले
ख्वाब परवान चढ़े
और सच्चाई के धरातल पर
आकर दम तोड़ दिये
शाम को ऩींद खुली, तो मां को भी शुकून में देखा
कि सोया ही सही
बेटा मेरा साथ है तो सही-
पास है तो सही
मैं सोचता रहा कि आज खायेंगे बिरयानी
एक साथ परी-केबिन में
जब नींद खुली तो मोबाइल पर
आया हुआ था एक मैसेज
.......आज रहने देते हैं
फिर कभी ..लूज मोशन है.....
और उनकी कोई बात आसानी से
नहीं माननेवाला मैं पता नहीं क्यों
बड़ी आसानी से मान गया था उनकी यह बात
मुझे पता था कि वह झूठ बोल रही हैं
न उन्होंने मुझे दुख पहुंचाने की कोशिश की
न मेरी औकात पर उठाया सवाल
उन्हें पता था मेरा हाल है बेहाल
पर ऐसा नहीं था कि उनके हाल से मैं नावाकिफ था
मुझे पता था उनकी भी औकात
अपनी परेशानी के साथ ही
उन्होंने भी परेशानी समझी मेरी
अभाव के जंगल में किसी को
प्यार का हक नहीं होता
और अभाव के जंगल में
प्यार नहीं होता.
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