शुक्रवार, 16 अक्टूबर 2015

मैं सार्वजनिक हो गया

बहुत दिन हुए
एक कविता नहीं लिखी
बहुत दिन हुए
एक कहानी नहीं पढ़ी
जब-जब प्रयास किया
कविता ने मुझे लिख दिया
और कहानी ने मुझे पढ़ लिया
अफसोस
मैं सार्वजनिक हो गया
सबके लिखने पढ़ने में
- राकेश कुमार श्रीवास्तव

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