शुक्रवार, 16 अक्टूबर 2015

सीट पा लेने का सुख

घर पहुंचने की होड़ में
थके हारे काम से चूर...
डेली-पैसेंजरी करते लोग
ट्रेन कम्पार्टमेंट के दो सीटों की गैलरी में खड़े
ताक में रहते हैं
चेहरे पर उदासी लिये
कि कहीं कोई अगले स्टेशन पर उतरे
जिससे उन्हें भी छोटी सी राहत मिल सके
जो उनके लिये कहीं बड़ा है किसी
भी बड़े सुख या बड़ी कामना से
उस सीट को पा लेने में ही-
उस सीट को हासिल कर लेने में ही
अपने गंतव्य तक के लिये-
उनकी बड़ी सफलता है
वे लोग जब जगह पा लेते हैं
कोई आकर देखे
उनके मुख पर छा गये
कुछ पलों के लिये का वह सुख
वह राहत, वह खुशी
जोकि किसी नेता को
एक चुनाव जीतने के बादवाली
सीट को
हासिल करने में शायद ही हुई हो!
-राकेश कुमार श्रीवास्तव

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