आमतौर पर जब किसी की मौत हो जाती है तो लोग अक्सर यह कहकर संतोष कर लेते हैं कि उसका समय हो गया था इसलिये चला गया। हर किसी की मौत के पीछे कोई न कोई प्रत्यक्ष कारण या बहाना लोगों के पास जरुर रहता है क्योंकि काल-कवलित हो चुके इंसान को वापस नहीं लाया जा सकता। फिर भी कुछ बातें या वारदातें ऐसी होती हैं कि जिसे मन मानने को तैयार नहीं होता है। चाहे वह अपना हो या न हो। रोज-रोज ऐसी खबर पढ़ते-पढ़ते लोगों का मन थोड़ा कठोर हो जाता है और बिना किसी भावना के वह इसकी चर्चा भी करता है कि फलाने जगह यह वारदात हुई तो चिलाने जगह यह और इतने लोग मरे.. खैर जब अपनों की बात आती है तो हम कमजोर पड़ जाते हैं लेकिन हम सबको इस पर थोड़ा विचार जरुर करना चाहिए जैसे कि यदि हम असावधानी नहीं बरतते तो शायद यह घटना टल भी सकती थी। जैसे कि आसनसोल में ट्रेन से गिरकर अधेड़ की मौत हो गई। गिरनेवाले को किसी ने धक्का दे दिया कि वह स्वयं गिर गया यह बात अंजानी है। यदि वह गिर गया तो वह बच भी सकता था यदि वह गेट पर असावधानी से खड़ा न होता। जामुड़िया में बेकारी से त्रस्त युवक ने फांसी लगा ली। इसकी जिम्मेवारी कौन लेगा? क्या हमारी सरकार? जिसका कार्य करने के प्रणाली में कहीं न कहीं भारी चूक है? या फिर उसके घर वाले जो उसकी बेकारी पर हमेशा घर में कलह किया करते थे? शायद वे भी नहीं। क्योंकि अभावग्रस्त परिवार में कलह होना आज के समय में आम बात है। तो बेकार युवक को इस प्रकार से कदम नहीं उठाना चाहिए था यदि घर में कलह हो रही थी तो उसे कहीं दूर दिल्ली, मुंबई काम के लिए निकलना था। लेकिन आत्महत्या करना जरुरी नहीं था। जो भिखारी मर गया उसके बारे में लोग ये कहते हैं कि वह पागल था। तो अब यह प्रश्न उठता है कि कोई पागल और भिखारी एक साथ कैसे हो सकता है? पागल कभी मांग कर नहीं खाता है। उसे खिलाना पड़ता है या फिर खाना देना पड़ता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वह कुछ दिनों से बीमार चल रहा था तो क्या उनलोगों को जरा सा भी यह दिमाग में नहीं आया कि उसका किसी डॉक्टर से आपस में मिलजुल कर इलाज करा दें? समाचार के अनुसार उसके परिवार वाले वहीं पास ही में कहीं रहते थे तो क्या कम से कम उनको सूचना नहीं दी जा सकती थी? सबसे अंत में जो मौत की खबर है वह हृदय विदारक है वह यह कि एक पांच वर्षीय बच्ची का बुखार से मौत हो जाना। ये तो सबसे हास्यास्पद बात है आज जहां कैंसर व टीवी और एड्स जैसी बीमारियों को ठीक करने के बड़े-बड़े दावे किये जाते हैं वहां एक बच्ची सिर्फ बुखार की वजह से मर जाती है? इसका जिम्मेवार कौन? क्या बच्ची के अभिभावक...जिनका कहना है कि बच्ची को पिछले कुछ दिनों से बुखार रहा करता था। क्या उन्होंने समय से डॉक्टरों को दिखाया? यदि दिखाया भी तो क्या डॉक्टरों ने बच्ची का सही से इलाज किया? शायद वह बच सकती थी। लेकिन समाचार के अनुसार जब बच्ची की हालत बहुत खराब हो गई तब उसे अस्पताल ले जाया गया। कुल मिलाकर हमें सिर्फ यह कहना है कि भावनात्मक व सुरक्षात्मक स्तर पर हम हर जगह से सावधान रहें तो शायद ये सब घटनाएं टल सकती हैं। खैर.. ये सब दुखदायी खबरें हैं।
ट्रेन से गिरकर अधेड़ की मौत
आसनसोल, 11 मार्च (नि.स)। आसनसोल रेल मंडल के अंडाल एवं वारिया रेल स्टेशनों के बीच मंगलवार की सुबह अप मेन लाईन पर एक अधेड़ शख्स का क्षत-विक्षत शव पाया गया। सूचना पाकर पहुंची अंडाल जीआरपी ने शव को कब्जे में कर उसे अंत्यपरीक्षण हेतु जिला अस्पताल भेज दिया। मृतक के कपड़ों से मिले दस्तावेजों के अनुसार उसकी शिनाख्त आसाम के ढाकुरखाना थानांतर्गत लक्खीपुर गांव के निवासी गिरीश धुंआरा (40) के तौर पर हुई है। जीआरपी सूत्रों ने बताया कि वह संभवतः सोमवार की रात हावड़ा की ओर जा रही किसी ट्रेन से गिर गया होगा। मृतक के परिजनों से संपर्क कर उन्हें घटना की जानकारी देने का प्रयास किया जा रहा है।
बेरोजगारी से परेशान युवक ने लगाई फांसी
जामुड़िया, 11 मार्च (नि.स)। जामुड़िया थाने के श्रीपुर गांव के रूईदासपाड़ा निवासी खोकन बाऊरी (33) का फांसी से लटकता शव मंगलवार की सुबह उसके आवास पर पाया गया। सूचना पाकर घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने साड़ी से लटकता शव उतार कर अपने कब्जे में किया व अंत्यपरीक्षण हेतु जिला अस्पताल भेज दिया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खोकन बीते कई दिनों से बोरोजगार था जिसे लेकर उसके घर में रोजना अनबन होती रहती थी। संभवतः इन्हीं कारणों से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया हो।
विक्षिप्त भिखारी का शव मिला
चित्तरंजन, 11 मार्च (नि.स)। चित्तरंजन थाने के अमलादही मार्केट के समीप राह किनारे मंगलवार की सुबह एक भिखारी का शव पाया गया। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में कर अंत्यपरीक्षण हेतु आसनसोल जिला अस्पताल भेज दिया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मृतक जय प्रकाश सिंह (50) मानसिक रोगी था व उसका घर करीब में ही है। मानसिक तौर पर अस्वस्थ होने के कारण वह घर छोड़ कर बाजारों में भटकता रहता था व भीख मांग कर खाना खाता था। वह अमलादही मार्केट के दुकानों के शेड के नीचे रात गुजारता था। लोगों ने कहा कि बीते कुछ दिनों से उसकी तवीयत खराब लग रही थी।
बुखार से पीड़ित बालिका ने तोड़ा दम
जामुड़िया, 11 मार्च (नि.स)। जामुड़िया थाने के जवा गांव के निवासी दीपक मुदीकोड़ा की पुत्री वर्षा मुदीकोड़ा (5) की मृत्यु मंगलवार को हो गई। दीपक ने बताया कि बीते कुछ दिनों से वर्षा को हल्का-फुल्का बुखार रह रहा था। मंगलवार की सुबह उसे अचानक उल्टियां होने लगीं जिसके चलते उसे आसनसोल जिला अस्पताल लाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
ट्रेन से गिरकर अधेड़ की मौत
आसनसोल, 11 मार्च (नि.स)। आसनसोल रेल मंडल के अंडाल एवं वारिया रेल स्टेशनों के बीच मंगलवार की सुबह अप मेन लाईन पर एक अधेड़ शख्स का क्षत-विक्षत शव पाया गया। सूचना पाकर पहुंची अंडाल जीआरपी ने शव को कब्जे में कर उसे अंत्यपरीक्षण हेतु जिला अस्पताल भेज दिया। मृतक के कपड़ों से मिले दस्तावेजों के अनुसार उसकी शिनाख्त आसाम के ढाकुरखाना थानांतर्गत लक्खीपुर गांव के निवासी गिरीश धुंआरा (40) के तौर पर हुई है। जीआरपी सूत्रों ने बताया कि वह संभवतः सोमवार की रात हावड़ा की ओर जा रही किसी ट्रेन से गिर गया होगा। मृतक के परिजनों से संपर्क कर उन्हें घटना की जानकारी देने का प्रयास किया जा रहा है।
बेरोजगारी से परेशान युवक ने लगाई फांसी
जामुड़िया, 11 मार्च (नि.स)। जामुड़िया थाने के श्रीपुर गांव के रूईदासपाड़ा निवासी खोकन बाऊरी (33) का फांसी से लटकता शव मंगलवार की सुबह उसके आवास पर पाया गया। सूचना पाकर घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने साड़ी से लटकता शव उतार कर अपने कब्जे में किया व अंत्यपरीक्षण हेतु जिला अस्पताल भेज दिया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खोकन बीते कई दिनों से बोरोजगार था जिसे लेकर उसके घर में रोजना अनबन होती रहती थी। संभवतः इन्हीं कारणों से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया हो।
विक्षिप्त भिखारी का शव मिला
चित्तरंजन, 11 मार्च (नि.स)। चित्तरंजन थाने के अमलादही मार्केट के समीप राह किनारे मंगलवार की सुबह एक भिखारी का शव पाया गया। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में कर अंत्यपरीक्षण हेतु आसनसोल जिला अस्पताल भेज दिया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मृतक जय प्रकाश सिंह (50) मानसिक रोगी था व उसका घर करीब में ही है। मानसिक तौर पर अस्वस्थ होने के कारण वह घर छोड़ कर बाजारों में भटकता रहता था व भीख मांग कर खाना खाता था। वह अमलादही मार्केट के दुकानों के शेड के नीचे रात गुजारता था। लोगों ने कहा कि बीते कुछ दिनों से उसकी तवीयत खराब लग रही थी।
बुखार से पीड़ित बालिका ने तोड़ा दम
जामुड़िया, 11 मार्च (नि.स)। जामुड़िया थाने के जवा गांव के निवासी दीपक मुदीकोड़ा की पुत्री वर्षा मुदीकोड़ा (5) की मृत्यु मंगलवार को हो गई। दीपक ने बताया कि बीते कुछ दिनों से वर्षा को हल्का-फुल्का बुखार रह रहा था। मंगलवार की सुबह उसे अचानक उल्टियां होने लगीं जिसके चलते उसे आसनसोल जिला अस्पताल लाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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